नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री

नेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ नेचुरल हिस्ट्री (NMNH) की स्थापना की प्रेरणा पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी से मिली, जिन्होंने 1972 में भारत की स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांठ पर नए प्रोजेक्ट्स पर विचार करते हुए एक नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम की आवश्यकता महसूस की। इस म्यूज़ियम का उद्देश्य देश की वनस्पति, जीव-जंतु और खनिज संपत्ति को दर्शाना, बच्चों के लिए एक शैक्षिक सुविधा प्रदान करना और जनता में पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना था। NMNH ने 5 जून 1978 को मंड़ी हाउस में किराए की बिल्डिंग में जनता के लिए अपने दरवाजे खोले, जो विश्व पर्यावरण दिवस के साथ सांकेतिक रूप से मेल खाता है।

दिल्ली में स्थित एकल म्यूज़ियम से NMNH ने अपनी भौगोलिक सीमा का विस्तार कर कई क्षेत्रों में क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय स्थापित किए हैं जैसे कि दक्षिणी क्षेत्र (मैसूर), केंद्रीय क्षेत्र (भोपाल), और पूर्वी क्षेत्र (भुवनेश्वर)। दो और संग्रहालय पश्चिमी क्षेत्र (सवाई माधोपुर) और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (गंगटोक) में स्थापित किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट:

 

क्षेत्रीय संग्रहालय:

  • क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, मैसूर
  • क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, भोपाल
  • क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, भुवनेश्वर
  • क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, सवाई माधोपुर