जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रीजल कमेटी (GEAC) की मंजूरी

जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रीजल कमेटी (GEAC) पर्यावरण और वन मंत्रालय में ‘1989 के नियम, जो खतरनाक सूक्ष्मजीवों/जेनेटिकली इंजीनियर्ड ऑर्गेनिज़्म या कोशिकाओं के निर्माण, उपयोग, आयात, निर्यात और भंडारण के लिए हैं’, के तहत स्थापित सर्वोच्च निकाय है, जो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत कार्य करता है। 1989 के नियम पांच सक्षम प्राधिकरणों को परिभाषित करते हैं, अर्थात् संस्थागत बायोसैफ्टी कमेटी (IBSC), जेनेटिक मैनिपुलेशन की समीक्षा समिति (RCGM), जेनेटिक इंजीनियरिंग अनुमोदन समिति (GEAC), राज्य जैव प्रौद्योगिकी समन्वय समिति (SBCC) और जिला स्तर की समिति (DLC) जो विभिन्न पहलुओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।